सौ सुखों को त्याग सरिता खारे जल में जा समाये
चिर कुँआरी नर्मदा ने मन में अपने शिव बसाए
क्या करे हीरे का जिसको कोठरी काजल की भाये
प्यार की महिमा अनूठी दिल दीवाना जिसपे आये
चिर कुँआरी नर्मदा ने मन में अपने शिव बसाए
क्या करे हीरे का जिसको कोठरी काजल की भाये
प्यार की महिमा अनूठी दिल दीवाना जिसपे आये
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