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प्यार की बात है

प्यार की बात है बात में प्यार है
साज़े दिल बज उठा छेड़ कर तार है
उनकी शोख़ी समाई है अंदाज़ में
हर अदा कर रही अपनी हद पार है
वो न आये मगर राह तकते हैं हम
इश्क़ अब दुनियादारी से दो चार है
कोइ कह हँस दिया कोइ हँस कह दिया
हमको भारी पड़ा उनका इज़हार है
सुर्ख़ रुख़ ने बयाँ कर दी बातें सभी
बेज़ुबाँ होके भी एक अख़बार है
मैं डरूँ क्यों भला ख़ौफ़े बदनामी से
प्यार में जीत दिल की हरेक हार है
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